ना सांझे हमको कोई गम नही,
ना पोंछे कोई अश्कों को गम नही।
धड़कता दिल रुकता है गम नही,
बंद हो जाएँ आँखें गम नही,
गम है थो,
उनका जो मिलकर भी मिले नही।
करीब आकर भी करीब नही।
हाथो को छूना भर था की हो गए दूर।
कर गए रुसवा जीवन भर ,
गम नही।
ज़ख़्मी
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