Saturday, May 30, 2009

कमी क्या है?


लबों को सी लिया हमने तो हर्ज ही क्या है?

तेरी निगाह में कीमत जुबा की क्या है?

जो रख चुका है कदम चाँद पर बताये मुझे,

ये चाँद कैसे चमकता है चांदनी क्या है?

जो मुफलिसी को मिटाने की बात करता है,

वो जानता ही नही मुफलिसी क्या है?

हजार बार मैंने दिल को जला के देख लिया,

सनम बता दे मुहब्बत की रौशनी क्या है?

खालिश है, दर्द है, रंजो आलम है, आंसू है,

तुम्हारी दी हुई हर चीज़ है,

कमी क्या है?

बता कमी क्या है? ? ? ? ?
ज़ख़्मी

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