समंदर की हवाओं पर तुम्हारा (?) नाम लिख
दूंगी।
मैं, साहिल पर,
मैं, लहरों पर,
तुम्हारा (?) नाम लिख दूंगी।
महक उठेगा आँगन फ़िर मेरा,
आँगन के फूलों से
मैं जब आँगन के फूलों पर तुम्हारा (?) नाम लिख
दूंगी।
ऐसा होगा ना मेरे हाथ में जब पार करने को,
मैं दरिया किनारे पर तुम्हारा (?) नाम लिख
दूंगी।
खाला मैं जाउंगी इक शब् और अपने हाथो से
फलक के सब सितारों पर तुम्हारा (?) नाम लिख
दूंगी।
खुशी से रो पड़ेगी देख लेना
बेलों की कलियाँ
मैं, जब बेलों की कलियों पर तुम्हारा (?) नाम लिख
दूंगी।
तुम्हारा (?) नाम हाथों में जो कुदरत ने नही लिखा,
तो,
मैं, ख़ुद अपने हाथो पर तुम्हारा (?) नाम लिख
दूंगी।
धनक उभरेगी जब हंजा इक गहरे बादल पर
धनक के सारे रंगों पर तुम्हारा (?) नाम लिख
दूंगी।
"जख्मी"
(?)
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आपकी कविता को समझने में मुझे समय लगेगा लेकिन आपकी प्रोफाईल पढ़कर बहुत अच्छा लगा ! इतने सशक्त तरीके से आपने अपना परिचय दिया है कि बात दिल को छू गयी !
ReplyDeleteशुभकामनाएं
कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !
तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स
आज की आवाज
Beautiful Poem. Congratulations.
ReplyDeleteJai Baba to You,
Chandar Meher
avtarmeherbaba.blogspot.com
lifemazedar.blogspot.com
www.trustmeher.org
Atyant sundar! Swagat hai!
ReplyDeletehtp://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http://lalitlekh.blogspot.com
http://shama-baagwaanee.blogspot.com
अब यदि इतनी जगह नाम उकेरना हो।
ReplyDeleteतो जख्मी ही ना होएंगे।
ये तुम्हारा के आगे (?)। सबसे ज्यादा पसंद आया। पता नहीं क्यूं।
और अच्छे लेखन की गुजारिश के साथ।
jandar,shandar,dandar.narayan narayan
ReplyDeleteumda
ReplyDeleteatyant uttam !
अच्छा है अंदाज़े-बयाँ।
ReplyDeleteसुस्वागतम्।
aapki kavita achhi lagi...
ReplyDeleteand thanks meri kavita "swarthi" ke comments ke liye... u can visit my blogs if you want to read more poems...
intejaar rahega...
Bahut sundar rachana..really its awesome...
ReplyDeleteRegards..
DevSangeet
हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
ReplyDeleteAaj janha tumne naam likhe , kal vanha tasweer bhi ubhar aayegi aur ye ? hat jaayega
ReplyDeleteManoj joshi