Saturday, July 4, 2009

हमारे इश्क को ज्यादा जवां होना है.

हमारे इश्क को ज्यादा जवां होना है,
अभी तो कत्ल का किस्सा बयां होना है।
समझ रहा था कि बस इम्तिहान ख़त्म हुआ,
अभी तो और भी इक इम्तिहान होना है।
जमाने भर में हुई जिसके वास्ते बदनाम,
उसी बसर का यहाँ पर बयां होना है।
वो, जिसकी बात बगावत के रंग में है रंगी,
वो तिफ्ल है उसे ऐ-हले जबां होना है।
हमे यकीं है सूरज जमीं पे उतरेगा,
हमारी बात का सभी को गुमां होना है।
लहू-लुहान जिगर लेकर मुस्कुराते है,
अभी तो दर्द की जड़ को जवां होना है।
हुई है राख फसादों की बस्तियां जल कर,
अभी तो तय है की अमनो अमान होना है।
"जख्मी"

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