Monday, May 25, 2009

क्या था कसूर मेरा?

क्या था कसूर मेरा, ये बताते जाते,
कोई कहानी लोगो को सुनाते जाते।
मैंने सोचा दिल मेरा लौटा के जाओगे
जान भी लिए जा रहे हो, जाते जाते।
कितने सपने देखे हमने जिनकी खातर,
छोड़ गए हमें तनहा जाते जाते।
वो तो ना आए पर यादें आती रही,
कैसे कहे, क्या हाल है,
जब उन्होंने ही मुह फेर लिया, सामने से आते आते।
ज़ख़्मी

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